Wednesday, August 21, 2019

NATIONAL TEACHER AWARD FOR MY SCHOOL TEACHER: R P BADONI PHYSICS LECTURER



देहरादून के शिक्षक रमेश बडोनी को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार

देहरादून के शिक्षक रमेश प्रसाद बडोनी को वर्ष 2018 के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चुना गया है। फिजिक्स के प्रवक्ता  बडोनी सहसपुर ब्लाक के जीआईसी मिसरासपट्टी के तैनात हैं। राष्ट्रीय पुरस्कार के मानक बदलने के बाद यह पहला मौका है जब उत्तराखंड के खाते में यह पुरस्कार आया है। पिछले साल राज्य के खाते में एक भी पुरस्कार नहीं आया था।  मंगलवार शाम उन्हें केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के निदेशक जी. विजय भास्कर का पत्र मिला। उन्हें पांच सितंबर को दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा। 'हिंदुस्तान,' से बातचीत में बडोनी ने कहा कि पुरस्कार प्राप्त होने से वो गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने इस पुरस्कार को राज्य को समर्पित किया है। प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने भी बडोनी को इस उपलब्धि के लिए सराहा और बधाई दी। निदेशक आरके कुंवर ने भी बडोनी शुभकामनाएँ दीं।

कई पुरस्कार जीत चुके हैं बडोनी
रमेश प्रसाद बडोनी उत्तराखंड सर्वाधिक मेधावी शिक्षकों में शामिल हैं। फिजिक्स में उनके 64 ऑनलाइन कोर्स चल रहे हैं। गूगल सर्टिफाइड टीचर बडोनी इससे पहले राष्ट्रीय आईसीटी पुरस्कार, नेशनल इनोवेटिव,  ग्लोबल इनोवेटिव पुरस्कार भी जीत चुके हैं। इस वक़्त वे  एनसीईआरटी,  एमओओसीएस और आईआईटी- मुंबई के लिए कक्षा 11 और कक्षा 12 के भौतिक विज्ञान का कंटेंट विकसित कर रहे हैं। बडोनी इस वक़्त एनसीईआरटी के आईसीटी सेल में राष्ट्रीय स्तर के मेंटर भी हैं।

154 में से चुने गए सर्वोत्तम 42 शिक्षक
पुरस्कार अब राष्ट्रीय स्तर पर ज्यूरी  के सामने अपना प्रस्तुतीकरण देने के बाद तय होता है। राष्ट्रीय स्तर पर 42 शिक्षकों का चयन होता है। इस बार विभिन्न राज्यों के  154 अध्यापकों ने पूरे राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग किया था। इसमें राष्ट्रीय स्तर पर  पुरस्कार के लिए 42 शिक्षकों का चयन हुआ है ।


डोनी का राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2018 के लिए चयन होना अन्य शिक्षकों के लिए है प्रेरणा, उनके करीबियों में खुशी उत्तराखंड अबकि बार गए थे केवल तीन नाम, लेकिन मुहर लगी फिजिक्स के प्रवक्ता बडोनी नाम पर दो सितंबर को दिल्ली लिए देहरौं से रवाना होंगे, राष्ट्रपति देंगे अवॉर्ड पिछले वर्ष उत्तराखंड को नहीं मिल पाया था नेशनल टीचर अवॉर्ड, दून के सहसपुर ब्लॉक में तैनात हैं बडोनी आईसीटी में भी हासिल कर चुके हैं नेशनल अवॉर्ड, ३५ परिवारों के बच्चों को भोजन देने का से टू नो हंगर अभियान किया है शुरू ३०० बांज पेड़ भी लगाकर वॉटर कंजर्वेशन पर जुटे हुए हैं बडोनी |
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2018 के लिए उत्तराखंड से भौतिक विज्ञान प्रवक्ता रमेश प्रसाद बडोनी के चयन होने से शिक्षक समाज में बड़ा उत्साह है। इस पुरस्कार से जहाँ सरकारी स्कूलों के प्रति आमजन की नकारात्मक सोच में बदलाव आयेगा, वहीं अपने कर्त्तव्यों के प्रति समर्पित निष्ठावान शिक्षकों का मनोबल भी बढ़ेगा।
वास्तव में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार पाने के लिए गत से चयन प्रक्रिया में बदलाव किया गया है, ऑनलाइन प्रतियोगिता के रूप में पूरे भारतवर्ष में शिक्षकों के लिए यह प्रतियोगिता एक जैसे ओपन की जाती है। 
इस वर्ष देशभर से सात लाख से अधिक शिक्षक प्रतिभागियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था, जिसमें तृतीय राउंड के परीक्षण और भौतिक निरीक्षण के उपरांत पूरे देश से लगभग 153 शिक्षकों को भारत सरकार मानव संसाधन मंत्रालय ने जूरी के समक्ष अपने कार्यों का प्रदर्शन और सभी नवाचार गतिविधियों से शिक्षा के क्षेत्र में किए गए नवाचार पर प्रस्तुतीकरण करवाया गया। प्रस्तुतीकरण में 5 मिनट का मौखिक प्रेजेंटेशन और 3 मिनट का सीधा वार्तालाप जूरी के सामने हुआ। 
*जूरी यह डिसाइड करती है कि शिक्षक द्वारा क्या-क्या नए इनोवेशन किए गए ?
*शिक्षक का समाज और नए अविष्कारों में कितना योगदान है?

  • शिक्षक; छात्रों के बीच में कितना स्वीकार्य है? आदि कई सारे बिंदुओं पर शिक्षक को खरा उतरना होता है।
    इसके अलावा शिक्षक ने अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय स्तर पर क्या नवीनतम और नवाचार गतिविधियां तैयार की हैं?
  • वह अपने कक्षा-कक्ष को 21वीं शताब्दी के अनुरूप शिक्षण दे पा रहा है?
    *शिक्षक द्वारा शिक्षित शिष्य समाज आज किस मुकाम पर है?इस बात पर भी आकलन होता है।
  • सामाजिक कार्य, दिव्यांगों और सूचना संप्रेषण तकनीकी पर शिक्षक कितना सक्रिय है, इस बात पर भी विशेष फोकस रहता है।
    रमेश प्रसाद बड़ोनी का चयन होना पूरे उत्तराखंड राज्य के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि एक तो गत वर्ष की शून्यता को पूर्णता मिली है और दूसरी ओर सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का समर्पण भाव। 
    साथी शिक्षक कमलेश्वर प्रसाद भट्ट बताते हैं कि बड़ोनी ने पहले भी अनेक नवाचारों और सूचना संप्रेषण तकनीकी का प्रयोग कर कई ऑनलाइन कोर्स तैयार किए हैं।
    बडोनी इस समय एन सी ई आर टी नई दिल्ली, MOOCS और आई आई टी मुंबई के लिए कक्षा 11 और कक्षा 12 के भौतिक विज्ञान का content Develop कर रहे हैं। इसके अलावा एन सी ई आर टी के आई सी टी सेल में राष्ट्रीय स्तर के मेंटर भी हैं।
    उनके कार्यों की समीक्षा और सघन परीक्षण के उपरांत रमेश प्रसाद बडोनी को उत्तराखंड से राष्ट्रीय पुरस्कार हेतु चयनित किया गया, यह पुरस्कार उत्तराखंड की बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी क्योंकि विगत वर्ष से राष्ट्रीय पुरस्कार के मानक बदल गए हैं और शिक्षक को अपने कार्य का प्रदर्शन निर्णायक जूरी और उस पर शत प्रतिशत प्रतियोगिता में चयन होना एक मायने रखता है। बडोनी का चयन भविष्य में बच्चों व शिक्षकों के साथ साथ समाज के लिए भी फलदायी होगा।
    बड़ोनी की इस उपलब्धि पर वरिष्ठ शिक्षक साथियों कमलेश्वर प्रसाद भट्ट, परमवीर सिंह कठैत, जगदम्बा प्रसाद डोभाल, दिनेश चन्द्र भट्ट, सुप्रिय बहुखंडी, कान्ता प्रसाद सती, नंदाबल्लभ पन्त, प्रियंका घनस्याला, मेघा पंवार आदि ने उन्हें बधाई देते हुए|

देवभूमि के लिए गौरवशाली पल, शिक्षक रमेश बडोनी को दिल्ली में मिलेगा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार

शिक्षक रमेश बडोनी उत्तराखंड के मेधावी शिक्षकों में से एक हैं, फिजिक्स में उनके 64 ऑनलाइन कोर्स चल रहे हैं...
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उत्तराखंड के खाते में एक और शानदार उपलब्धि दर्ज हो गई है। देहरादून के प्रतिभाशाली शिक्षक रमेश प्रसाद बडोनी को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार मिलेगा। रमेश प्रसाद बडोनी फिजिक्स के प्रवक्ता हैं और इस वक्त सहसपुर ब्लॉक के जीआईसी मिसरासपट्टी में तैनात हैं। रमेश प्रसाद बडोनी की ये उपलब्धि क्यों खास है ये भी जान लिजिए। राष्ट्रीय पुरस्कार के मानक बदलने के बाद ये पहला मौका है, जबकि उत्तराखंड के किसी शिक्षक को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया है। पिछले साल उत्तराखंड को एक भी पुरस्कार नहीं मिला था। 5 सितंबर को दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम में रमेश प्रसाद बडोनी को सम्मानित किया जाएगा। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के निदेशक जी.विजय भास्कर ने उन्हें पत्र भेज कर ये सूचना दी। रमेश प्रसाद बडोनी इससे पहले भी कई पुरस्कार जीत चुके हैं। वो उत्तराखंड के सबसे मेधावी शिक्षकों में से एक हैं।
उनकी लोकप्रियता और प्रतिभा का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि वो गूगल सर्टिफाइड टीचर हैं। फिजिक्स में उनके 64 ऑनलाइन कोर्स चल रहे हैं। यही नहीं वो राष्ट्रीय आईसीटी पुरस्कार, नेशनल इनोवेटिव, ग्लोबल इनोवेटिव पुरस्कार भी जीत चुके हैं। रमेश प्रसाद बडोनी एनसीईआरटी के आईसीटी सेल में नेशनल लेवल के मेंटर भी हैं। उनकी इस उपलब्धि से शिक्षा विभाग गदगद है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे और निदेशक आरके कुंवर ने उन्हें बधाई दी। शिक्षक बडोनी ने अपना पुरस्कार राज्य को समर्पित किया है। आपको बता दे कि राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए हर साल 42 शिक्षकों का चयन होता है। इसके लिए शिक्षकों को ज्यूरी के सामने अपना प्रजेंटेशन भी देना होता है। पुरस्कार के लिए इस बार अलग-अलग राज्यों के 154 शिक्षकों ने आवेदन किया था, जिनमें से 42 शिक्षकों को पुरस्कार के लिए चुना गया। चुने गए शिक्षकों में रमेश प्रसाद बडोनी भी शामिल हैं, राज्य समीक्षा टीम की तरफ उन्हें ढेरों शुभकामनाएं...


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